नवादा : उदिता सिंह जिला पदाधिकारी के निर्देश के आलोक में मो. नैय्यर एकबाल ने समाहरणालय के सभाकक्ष में समेकित बाल विकास सेवाएं की समीक्षात्मक बैठक किए। उन्होंने कहा कि समेकित बाल विकास सेवाएं के अन्तर्गत 0 से 06 वर्ष के आयु वर्ग के प्री स्कूल बच्चों के पोषण तथा स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार करने, बच्चों के मनोवैज्ञानिक विकास की नींव, मृत्यु दर, कुपोषण और स्कूल छोड़ने की घटनाओं को कम करना है। बाल विकास को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न विभागों के बीच बेहतर समन्वय करना और बच्चे के स्वास्थ्य एवं पोषण की देखभाल के लिए मातृ शक्ति को बढ़ाने के लिए कई कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है, जैसे- पोषण अभियान, मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना, प्रधानमंत्री वंदना योजना आदि।
उप विकास आयुक्त ने बताया कि जिले में सीडीपीओ के द्वारा 350 निरीक्षण करने का लक्ष्य था, जिसके विरूद्ध में मात्र 276 केन्द्रों का निरीक्षण किया गया। अकबरपुर प्रखंड में कंचन माला सीडीपीओ के द्वारा सर्वाधिक 27 केन्द्र एवं सबसे कम मेसकौर प्रखंड के मंजू कुमारी सीडीपीओ के द्वारा मात्र 11 केन्द्रो का निरीक्षण किया गया। उल्लेखनीय है कि सभी सीडीपीओ एवं महिला पर्यवेक्षिका के द्वारा कम से कम 25 आॅगनबाड़ी केन्द्रों का औचक निरीक्षण करते हुए प्रतिवेदन देना है।
आॅगनबाड़ी केन्द्र के भवन निर्माण के लिए 666 जमीनों को चिन्हित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसमें कार्यक्रम पदाधिकारी, अंचलाधिकारी और सीडीपीओ के साथ विशेष कमिटि बनायी गयी है। उन्होंने निर्देश दिया कि आवश्यक बैठक कर भवन निर्माण के लिए जमीन को चिन्हित करते हुए का लक्ष्य पूर्ण करें। उन्होंने कहा कि सरकार के गाइडलाइन के अनुसार, स्कूल में तीन डिसमिल उपलब्ध हो तो वहां भी आॅगनबाड़ी केन्द्र का निर्माण किया जा सकता है। पूर्व की बैठक में जिला पदाधिकारी के द्वारा निर्देश दिया गया था कि जिले का पोषण ट्रैकर डैस बोर्ड को शत्-प्रतिशत पूर्ण करें लेकिन मात्र साठ प्रतिषत ही लक्ष्य प्राप्त किया गया। इसके लिए उप विकास आयुक्त ने नाराजगी व्यक्त की और निर्देश दिया कि एक सप्ताह के अन्दर शत्-प्रतिशत पोषण ट्रैकर डैस बोर्ड कराना सुनिश्चित करें। इसमें सबसे कम नवादा और नरहट प्रखंड का 51 प्रतिसत जबकि सर्वाधिक नारदीगंज प्रखंड का 78 प्रतिसत है।
उप विकास आयुक्त ने कहा कि सभी प्रखंडों में माॅडल आॅगनबाड़ी केन्द्र बनाना सुनिश्चित करें और सभी केन्द्रों पर निर्धारित संख्या 40 बच्चे की उपस्थिति सुनिश्चित कराएं। उन्होंने बताया कि पौरा पंचायत में एक आॅगनबाड़ी केन्द्र पर मात्र 10 बच्चे उपस्थित थे और केन्द्र का संचालन माॅ के बदले बेटी के द्वारा किया जा रहा था।
समीक्षात्मक बैठक में कुमारी रिता सिंहा डीपीओ, सत्येन्द्र प्रसाद जिला जन सम्पर्क पदाधिकारी प्रशांत रमणीया एसडीसी के साथ संबंधित सीडीपीओ आदि उपस्थित थे।